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9 Years Of Modi Govt: बीते 9 सालों में मोदी सरकार ने कैसे किया आतंकवाद पर प्रहार? पढ़िए यह रिपोर्ट

राष्ट्रीय सुरक्षा मोदी सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। आतंक नीति के खिलाफ जीरो-टॉलरेेंस अपनाने के साथ-साथ देश मेें वामपंथी उग्रवाद मेें महत्वपूर्ण कमी दर्ज की गयी है। प्रधानमंत्री का दृढ़ विश्वास है कि विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा साथ-साथ चलते हैैं और इसने रक्षा क्षेत्र मेें आत्मनिर्भरता को बढ़़ावा दिया है। भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत, स्वदेशी निर्माण के क्षेत्र मेें देश की बढ़ती ताकत को प्रदर्शित करता है।

वित्त वर्ष 2022-23 मेें, रक्षा निर्यात लगभग 16,000 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुुंच गया है। नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़़ावा देने के लिए, रक्षा उत्कृष्टता नवाचार‌(आईडीईएक्स) फ्रेमवर्क लॉन्च किया गया है। इसने सफल प्रोटोटाइप विकास के लिए स्टार्ट-अप्स और नवोन्मेषको को समर्थन देने मेें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

आज दनुिया के अवसरों का लाभ प्राप्त करने और चुनौतियों का जवाब देने के लिए एक गतिशील विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति आवश्यक है। एक स्थिर, मजबूत और सुरक्षित राष्ट्र बनाने के लिए, मोदी सरकार ने इस मोर्चे पर लगातार काम किया है।

आतंकवाद पर जीरो टॉलरेेंस

घर में आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस को अपनाने के साथ-साथ वामपंथी उग्रवाद को संबोधित करने के उपाय को लेकर मोदी सरकार ने राष्ट्र सुरक्षा के मोर्चे पर एक मजबूत तस्वीर सुनिश्चित की। यह न केवल घरेलू स्तर पर सर्वोच्च प्राथमिकता थी बल्कि विश्व में एक स्थिर वातावरण सुनिश्चित करने के लिए भारत वैश्विक शक्तियों के साथ जुड़ सकता था।

2014 के बाद कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं

2014 के बाद से non-Conflict zones वाले भारतीय शहरों मेें कोई बड़़ा आतंकवादी हमला नहीं हुआ। हमारी सेना ने वर्ष 2016 मेें सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 मेें एयर स्ट्राइक से सीमा पार आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब दिया और आतंकवाद के प्रायोजकों को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग किया और उनके प्रभाव को कम किया। भारत ने आतंकवाद को न केवल वैश्विक मुद्दा बनाया, बल्कि वो इसके खिलाफ लड़़ाई का नेतृत्व भी कर रहा है। साथ ही मोदी सरकार ने UAPA Amendment से कानूनी ढांचे को भी मजबूत बनाया।

आतंकवाद एक वैश्विक मुद्दा

मोदी सरकार ने विशेष रूप से भारत ने आतंकवाद को एक वैश्विक मुद्दा बना दिया है,‌ और इस मुद्दे पर भारत वैश्विक चर्चा का नेतृत्व भी कर रहा है। इस दृष्टिकोण ने पिछले 9 वर्षों में सीमा पार से होने वाली आतंकी फंडिंग को कम करने में सफलतापूर्वक मदद की है।

अनुच्छेद 370 को खत्म करना

अगस्त 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करके जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करना राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में एक और सफलता मानी जाती है। कई पर्यवेक्षकों का तर्क है कि घाटी में अस्थिर स्तिथि इतिहास बन गई है और आतंकी घटनाओं की संख्या में भारी गिरावट यह साबित करती है।

अग्निपथ

अग्निपथ सशस्त्र बलों के लिए एक परिवर्तनकारी योजना है, जो भारतीय सेना को युवा शक्ति, उच्च तकनीक से लैस और अति-आधुनिक दृष्टिकोण के साथ दनिुया मेें सर्वश्रेष्ठ सैन्य बल बनाने मेें बल गुणाांक के रूप मेें कार्य करने जा रही है। सरकार ने 15 जून, 2022 को अग्निपथ योजना की शुरुआत की थी। योजना के तहत पुरुष और महिला दोनों उम्मीदवारों को अग्निवीर के रूप मेें चार साल की अवधि के लिए देश में तीनों सेनाओ के ‘अधिकारी के रैैंक से नीचे’ कैडर मेें भर्ती किया गया। 17.5 से लेकर 21 वर्ष की आयु के बीच के उम्मीदवार इस योजना के लिए आवेदन करने के पात्र हैैं।

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