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Jan ki baat Exit poll 2018 – त्रिपुरा नागालैंड में खिला कमल तो मेघालय में कांटे की टक्कर

त्रिपुरा मेघालय और नागालैंड में पिछले काफी दिनों से चल रहा सियासत का खेल आखिरकार खत्म होने को आया है लेकिन अगर अभी कुछ बाकि है तो वो है इन चुनावों का फैसला आना। 18 फरवरी को हुए विधानसभा चुनावों में त्रिपुरा की जनता अपना फैसला ईवीएम में बंद कर चुकी है।

Jan ki baat Exit poll 2018 - त्रिपुरा नागालैंड में खिला कमल तो मेघालय में कांटे टक्कर

जबकि मेघालय और नागालैंड की जनता ने अपना फैसला 27 फरवरी को तय किया है। जन की बात टीम ने त्रिपुरा के चुनावों को और उसकी जमीन को बहुत करीब से देखा है तो नागालैंड और मेघालय की चुनावी बारिकियों पर भी नज़र रखी है। जिसके बाद जन की बात के वियुअर्स ने हमसे डिमांड की त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के एग्ज़िट पोल की और हमारा हमेशा से मकसद रहा है जन की सुनना और जन की कहना। इसलिए जन की बात ने त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड को दिया उसका सबसे बड़ा एग्ज़िट पोल। महीनों की रिसर्च और जनता की आवाज ने हमारे इस एग्ज़िट पोल को उसके मुकाम तक पहुॅंचाया है। 27 फरवरी को रिलीज किया गया जन की बात का एग्ज़िट पोल जिसमें पूरब की सात बहनों में से तीन बहनें यानि की त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड है।

त्रिपुरा में बीजेपी को 35 से 45 सीटें मिल रही है जबकि सीपीआईएम को सिर्फ 14 से 23 सीटें ही मिली है। हालांकि ये चुनावी घमासान त्रिपुरा प्रदेश में सिर्फ बीजेपी और सीपीआईएम के बीच ही है लेकिन कांग्रेस को प्रदेश में एक भी विधानसभा सीट ना मिलने की संभावना है जबकि अन्य पार्टियाॅं या फिर निर्दलीय उम्मीदवारों में एक सीट मिलने की संभावना है।

इस एग्ज़िट पोल में सीपीआईएम की सीटों में गिरावट आई है क्योकि मतदान के पहले से लेकर मतदान के लिए लगे रहने तक लोगो का रूझान सिर्फ बीजेपी तरफ दिखाई दिया। क्योकि कही ना कही प्रदेश में सीपीआईएम के खिलाफ गुस्सा है, लोगो का तो यहाॅं तक भी कहना है कि एक ही दाल को पच्चीस साल से खा रहे है और खाने की हिम्मत नही बची है। त्रिपुरा में बीजेपी ने जिस तरह से लोगो के बीच में लोकप्रियता कमाई है उसे देखकर तो लगता है कि बीजेपी इस बार त्रिपुरा को भी अपना गढ़ बनाएगी।

वहीं, अगर बात करें मेघालय की तो मेघालय में बीजेपी ने एनपीपी के साथ गठबंधन किया है जिसके बाद बीजेपी मेघालय में भी अपनी सरकार बना सकती है। बता दें कि एनपीपी को 23 से 27 सीटें मिलने की आशंका है, आईएनसी को 13 से 17, बीजेपी को अपने दम पर सिर्फ 8 से 12 सीटें ही मिलेंगी और अन्य पार्टियों को 2 से 6। गौरतलब है कि मेघालय में अभी सबसे बड़ी समस्याओं में से है पढ़ाई और विकास।
अब बात करतें है नागालैंड कि, नागालैंड में एनपीएफ को 20 से 25 सीटें मिलने की आशंका है तो वहीं एनडीपीपी के साथ गठबंधन कर चुकी बीजेपी को 27 से 32 सीटें मिलने की उम्मीद है। तो वही अगर बात करें आईएनसी की तो नागालैंड में 0 से 2 सीटें ही मिलेंगी लेकिन यहाॅं अन्य पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवारों को 5 से 7 सीटें मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

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